Monday, September 28, 2015

ज्योतिषीय दृष्टि में वर्त्तमान आश्विन मास का प्रभाव

           भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार वर्त्तमान यानि श्रीसंवत 2072 में पवित्र आश्विन मास का प्रारम्भ दिनांक 29-09-2015 से हो रहा है तथा इस मास का अंत दिनांक 27-10-2015 को हो रहा है। इस मास में पाँच मंगलवार का होना अशुभ का संकेत है, साथ हीं इस मास का प्रारम्भ मंगलवार से हो रहा है यानि आश्विन मास का पहला सूर्योदय मंगलवार को हो रहा है और इस मास का अंत भी मंगलवार को हीं हो रहा है यानि इस मास का अंतिम सूर्यास्त भी मंगलवार को हीं हो रहा है
              भारतीय ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार मंगल एक क्रूर पापग्रह है जो युद्ध, झगड़ा- झंझट, मारपीट, विद्रोह, विस्फोट ,अशांति, उग्रता, शौर्य, बाहुबल,कुछ रोग, मांसपेशियों,साहस, जीवठ आदि का कारक होता है,इसलिये जिस मास का प्रारम्भ इस ग्रह् के दिन से हो और अंत भी इसी ग्रह के दिन से हो तथा मास में अधिकतम दिन भी इसी ग्रह का यानि पाँच मंगलवार आवे तो उस मास में युद्ध, आपसी-मतभेद,मारपीट, जगह-जगह उग्र घटनाएं, अविश्वास, आतंकी घटनाएं, नक्सली-विद्रोह,विस्फोटक-घटनाएं ,अग्निकांड,सैन्य-बल की कार्यवाही और सैन्य-बलों की क्षति भी होती है।इसके अतिरिक्त इस मास में व्यापक जान-हानि, धन-हानि,वर्ग-संघर्ष या जातीय-तनाव,प्राकृतिक-आपदा, भूकंप या कोई यान-दुर्घटना, विषैले-जीवोँ का प्रकोप, किसी जनप्रिय व्यक्ति की क्षति, स्त्रियों को कष्ट, शासक-वर्ग में द्वेषता, राज्यों में मतभेद, सीमा पर तनाव या झंझट आदि अशुभ फलों की भी संभावनाएं बनती हैं। ऐसे योग होने से देश में हड़ताल, किसी नए घोटाले का उजागर होना, सरकारी-कार्यों में बाधा आदि भी उत्पन्न हो सकता है।
                  चूँकि मंगल ग्रहों में सेनापति होता है,अतएव लाखों विषम परिस्थितियों के वावजूद सेना की विजय होती है यानि भारतीय सेना के द्वारा इस अवधी में कई शौर्य-कार्यों का मिसाल भी सामने आ सकता है। मंगल का रंग लाल होता है अतएव लाल पदार्थों की कीमतों में वृद्धि भी हो सकती है। चूँकि सेनापति का शासकीय कार्यो के निष्पादन के साथ-साथ मनोरंजन की ओर भी झुकाव होता है इसलिए इस अवधी में किसी नवीन मनोरंजन के साधनों का विकास, नई संचार व्यवस्था और यातायात के संसाधनों में वृद्धि होने की भी संभावनाएं बनती हैं।
                इस महीने की 29 तारीख के साथ-साथ अक्टूबर महीने में दिनांक 3, 4, 6, 10, 11, 13, 17, 20, 23, 24 और 27 कुछ अनिष्टकारी प्रभाव दे सकता है।।          इति-शुभम् ।।
               पंडित मनोज मणि तिवारी,बेतिया(बिहार)